आधुनिक जीवनशैली और बदलते परिवेश में बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। छोटी-छोटी बीमारियों में भी लोग तुरंत दवा लेने की आदत डाल लेते हैं। इनमें सबसे ज्यादा गलत तरीके से इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं हैं एंटीबायोटिक्स (Antibiotics)। कई लोग डॉक्टर से परामर्श किए बिना खुद से ही एंटीबायोटिक लेना शुरू कर देते हैं, जो न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि भविष्य में गंभीर खतरे पैदा कर सकता है।
एंटीबायोटिक क्या हैं?

एंटीबायोटिक दवाएं बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण (Infections) से लड़ने के लिए बनाई जाती हैं। ये दवाएं बैक्टीरिया को खत्म करती हैं या उनके बढ़ने की प्रक्रिया को रोकती हैं।
- वायरल बीमारियों (जैसे सर्दी-जुकाम, फ्लू) में इनका कोई असर नहीं होता।
- इनका उपयोग केवल डॉक्टर की सलाह से और तय समय तक ही करना चाहिए।
एंटीबायोटिक दवाओं को पहचानने के तरीके

लाल रंग की पट्टी वाली दवाइयों का मतलब होता है एंटीबायोटिक, उसे डॉक्टर द्वारा वेरीफाई किए बिना नहीं लेना चाहिए. यहां तक कि मेडिकल स्टोर वाले भी ये दवाइयां बिना डॉक्टर के पर्चे नहीं बेच सकते. एंटीबायोटिक दवाओं का गलत तरीके से इस्तेमाल रोकने के लिए ही दवाइयों पर लाल रंग की पट्टी लगाई जाती है.
दवा के नाम से पहचान
- ज्यादातर एंटीबायोटिक दवाओं के नाम में कुछ कॉमन शब्द या अंत (Suffix) होते हैं, जैसे:
- -cycline (जैसे Doxycycline)
- -mycin (जैसे Azithromycin, Erythromycin)
- -cillin (जैसे Amoxicillin, Penicillin)
- -floxacin (जैसे Ciprofloxacin, Levofloxacin)
- अगर दवा का नाम इनमें से किसी पैटर्न से मिलता है तो वह अक्सर एंटीबायोटिक होती है।
डॉक्टर की सलाह के बिना एंटीबायोटिक लेना क्यों खतरनाक है?
1. एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस (Antibiotic Resistance)

जब दवा का गलत या ज्यादा प्रयोग होता है, तो बैक्टीरिया उस दवा के प्रति प्रतिरोधक क्षमता (Resistance) विकसित कर लेता है। इसका मतलब है कि वही दवा भविष्य में काम नहीं करेगी।
2. गलत बीमारी में असर नहीं
कई बार लोग वायरल संक्रमण (जैसे वायरल बुखार, खांसी-जुकाम) में भी एंटीबायोटिक ले लेते हैं। इससे कोई फायदा नहीं होता और शरीर पर उल्टा असर पड़ सकता है।
3. साइड इफेक्ट का खतरा

अनावश्यक एंटीबायोटिक लेने से दस्त (Diarrhea), एलर्जी (Allergy), पेट खराब, त्वचा पर रैशेज जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
एंटीबायोटिक का सही उपयोग कैसे करें?
- हमेशा डॉक्टर की पर्ची पर ही दवा लें।
- डॉक्टर जितने दिन और जितनी खुराक बताए, उतना ही लें।
- खुराक बीच में बंद न करें, वरना बैक्टीरिया फिर से सक्रिय हो सकता है।
- दवा को अपने हिसाब से कम-ज्यादा न करें।
बच्चों और बुजुर्गों में एंटीबायोटिक का सेवन

बच्चों के लिए
बच्चों का शरीर नाजुक होता है, इसलिए बिना डॉक्टर के परामर्श के एंटीबायोटिक देना खतरनाक हो सकता है।
बुजुर्गों के लिए
बुजुर्गों में अक्सर अन्य बीमारियां (जैसे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर) होती हैं। ऐसे में दवाओं के बीच रिएक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि अगर एंटीबायोटिक का गलत इस्तेमाल नहीं रोका गया तो आने वाले समय में सामान्य संक्रमण भी जानलेवा हो सकते हैं।

- छोटी बीमारियों का इलाज मुश्किल होगा।
- अस्पताल में भर्ती होने के मामले बढ़ेंगे।
- स्वास्थ्य पर आर्थिक बोझ भी बढ़ेगा।
एंटीबायोटिक और इम्यूनिटी (प्रतिरोधक क्षमता)
एंटीबायोटिक का गलत उपयोग शरीर की प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देता है।
- बार-बार दवा लेने से शरीर दवा पर निर्भर हो जाता है।
- इम्यून सिस्टम की क्षमता घट जाती है और रोग जल्दी पकड़ लेते हैं।
सावधानियां
- किसी भी एंटीबायोटिक को मेडिकल स्टोर से बिना पर्ची खरीदे न लें।
- बीमारी होने पर पहले डॉक्टर से जांच कराएं।
- बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को खुद से एंटीबायोटिक न दें।
- सोशल मीडिया या किसी परिचित की सलाह पर दवा न लें।
