25 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने देश को याद दिलाया कि पंडित जी के विचार और दर्शन आज भी भारत की विकास यात्रा में मार्गदर्शन करते हैं। उनके “एकात्म मानववाद” और “अंत्योदय” जैसे सिद्धांत भारत के समावेशी विकास की आधारशिला हैं।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय का योगदान
पंडित दीनदयाल उपाध्याय भारतीय राजनीति और विचारधारा के प्रमुख स्तंभ रहे। उन्होंने समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक विकास पहुंचाने का विचार दिया, जिसे “अंत्योदय” कहा जाता है।
एकात्म मानववाद का दर्शन
उनका दर्शन “Integral Humanism” या एकात्म मानववाद था। इसका मूल विचार यह था कि समाज, व्यक्ति और राष्ट्र के बीच संतुलन बनाकर विकास की राह बनाई जाए।
अंत्योदय का महत्व
अंत्योदय का अर्थ है—समाज के सबसे कमजोर वर्ग को ऊपर उठाना। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दर्शन को अपनी नीतियों और योजनाओं में शामिल किया है।
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश

प्रधानमंत्री ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“भारत माता के महान सपूत और एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को उनकी जयंती पर कोटिश: नमन। उनके राष्ट्रवादी विचार और अंत्योदय के सिद्धांत विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे।”
सरकार की विकास नीतियों पर प्रभाव
आज भारत की कई योजनाएं—जैसे उज्ज्वला योजना, जनधन योजना और आयुष्मान भारत—इसी अंत्योदय की भावना से प्रेरित होकर बनाई गई हैं।
