गाज़ीपुर: नगर के ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण चीतनाथ गंगा घाट का जल्द ही कायाकल्प होने जा रहा है। नगर पालिका प्रशासन की ओर से घाट के समग्र विकास हेतु एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसे अनुमोदन के लिए जिलाधिकारी अविनाश कुमार को भेजा गया है। प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही निर्माण कार्य की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
प्रस्तावित कार्यों में क्या-क्या शामिल है?
नगर पालिका के अनुसार चीतनाथ घाट पर कई संरचनात्मक और सुविधाजनक कार्य प्रस्तावित हैं:
- घाट की पुरानी व क्षतिग्रस्त पटियों की मरम्मत
- शुद्ध पेयजल की व्यवस्था हेतु आरओ वाटर कूलर
- श्रद्धालुओं के स्वागत हेतु वेलकम गेट का निर्माण
- कथा वाचन व पूजा अनुष्ठान के लिए एक विशाल हॉल
- बारिश और धूप से सुरक्षा हेतु छायादार व्यवस्था
- घाट की ऐतिहासिकता बताने वाला ट्यूरिस्ट केंद्र भी प्रस्तावित है
नगर पालिका ईओ धीरेंद्र कुमार राय ने बताया कि इन विकास कार्यों से घाट पर आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा और सम्मान दोनों मिलेगा।

गंगा आरती से बढ़ेगा आध्यात्मिक महत्व
चीतनाथ घाट को गाज़ीपुर में धार्मिक जागरूकता फैलाने के लिए विशेष स्थान प्राप्त है। काशी के दशाश्वमेघ घाट की तर्ज पर यहाँ भी हर सोमवार को वैदिक मंत्रोच्चार और विधिविधान से गंगा आरती की जाती है। इस आयोजन में सैकड़ों श्रद्धालु भाग लेते हैं, जिससे संपूर्ण वातावरण भक्तिमय हो उठता है।
चीतनाथ घाट ही वह पहला स्थल था जहाँ गाज़ीपुर जिले में गंगा आरती की शुरुआत हुई थी। अब, जब इसका सौंदर्यीकरण और आधुनिकीकरण प्रस्तावित है, तो यहां धार्मिक पर्यटन को भी नया आयाम मिलेगा।
सांस्कृतिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
परियोजना की मंजूरी के बाद नगर पालिका इसका एस्टीमेट तैयार कराएगी और चरणबद्ध तरीके से कार्य आरंभ किया जाएगा। घाट पर ट्यूरिस्ट इंफॉर्मेशन सेंटर के निर्माण से यहां आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक भी इस घाट की पौराणिकता और ऐतिहासिकता को गहराई से समझ सकेंगे।